फिल्म एक विलेन रिटर्न के लिए सीखी मराठी : अभिनेत्री दिशा पाटनी
स्मिता श्रीवास्तव। हिंदी फिल्मों में एमएस धौनी : द अनटोल्ड स्टोरी से अपने अभिनय सफर का आगाज करने वाली दिशा पाटनी लगातार बड़े बैनर के साथ काम कर रही हैं। पिछले साल राधे में सलमान खान के साथ नजर आई दिशा अब फिल्म एक विलेन रिटर्न्स में अर्जुन कपूर, तारा सुतारिया और जॉन अब्राहम के साथ नजर आएंगी। दिशा से हुई बातचीत के अंश :
आप बहुत लो प्रोफाइल रहती हैं..
मैं बचपन से बहुत शर्मीली और इंट्रोवर्ट रही हूं। नौवीं क्लास तक मेरे पास कोई दोस्त नहीं था। मैं क्लास में आखिरी बेंच पर बैठा करती थी चुपचाप। टॉम ब्वाय थी बाल भी मिलिट्री कट की तरह होते थे। ज्यादा बोल नहीं पाती थी। अब तो मैं बहुत बात करने लग गई हूं। अब मैं उस मामले में पहले से बेहतर हुई हूं लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरा स्वभाव है। मैं इसे बदल नहीं सकती।
कोरोना काल के बाद आपकी फिल्म थिएटर में आ रही है। बॉक्स आफिस का प्रेशर रहता है ?
मैं प्रेशर नहीं लेती। काफी समय बाद मेरी फिल्म सिनेमाघरों में आ रही है तो उसे लेकर एक्साइटमेंट है। हमें लोगों से काफी प्यार मिल रहा है। मैं अब फिल्म को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही हूं। मैं चाहती हूं गेटी गैलेक्सी (मुंबई स्थित सिंगल थिएटर) जाऊं और लोगों के रिएक्शन देखूं।
क्या आप किसी रणनीति के तहत काम कर रही है कि आपको बड़े बैनर और बड़े कलाकारों के साथ ही काम करना है ?
ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरे लिए किरदार सबसे ज्यादा अहमियत रखता है। जिन लोगों के साथ काम किया वो अपने क्षेत्र में बहुत क्रिएटिव हैं। मैं बहुत आभारी हूं इंडस्ट्री की कि करियर की शुरुआत से ही इंडस्ट्री के दिग्गज लोगों के साथ काम करने का मौका मिला।
फिल्म में आपका ग्रे किरदार है…
मैं थ्रिलर फिल्मों को देखकर बड़ी हुई हूं। मुझे यह जॉनर बहुत पसंद है। मुझे एक्शन करना बहुत पसंद है। जब मोहित सर (निर्देशक मोहित सूरी) ने मुझे किरदार के बारे में बताया था तो मैं बहुत एक्साइटेड थी क्योंकि मैंने ऐसा किरदार निभाया नहीं है और मुझे नहीं लगता कि इंडस्ट्री में ऐसा किरदार किसी ने देखा भी है। मैं 1990 के दौर की बात नहीं कर रही। हाल के दौर की बात कर रही हूं। सारे किरदार बहुत अलग है। सब ग्रे शेड प्ले कर रहे हैं जो वास्तव में लाइफ की रियलिटी होता है। कोई हीरो विलेन नहीं होता लेकिन बीच का भी इंसान होता है। परिस्थिति के हिसाब से हीरो भी बन सकता है विलने।
आपके लिए यह किरदार निभाना कितना कठिन था?
बहुत कठिन था। सच कहूं तो (हंसते हुए) मैं खुद सोच रही थी कि अभी तक मूवी में मैंने किया क्या है। लेकिन मोहित सर ने जो कहा मैंने वही किया। हालांकि उन्होंने मुझे कुछ चीजें करने की भी छूट दी जो मैं करना चाहती थी। उन्हें वह पसंद भी आया। मोहित सर साथ अच्छी बात यह है कि वह आपको प्रयोग करने का पूरा मौका देते हैं। इस किरदार के लिए मैंने थोड़ी मराठी सीखी क्योंकि मेरा किरदार थोड़ी-थोड़ी मराठी बोलता है। (हंसते हुए) मैं हिंदी भी मुश्किल से बोल पाती हूं। मैं कुमाऊंनी हूं। भाषा पर मेरी पकड़ अच्छी भले ही न हो, लेकिन मुझे समझ आती है।
तो स्क्रीन पर हिंदी बोलने में काफी मेहनत करनी पड़ती होगी ?
करना पड़ता है। यह मेरा काम है।
आपने एक्शन फिल्म करने की बात कही थी। क्या अपनी पसंद का काम मांग पाती हैं?
ईमानदारी से कहूं मैंने इंस्टाग्राम पर एक्शन से जुड़ी चीजों को डालना शुरु किया है। मुझे एक्शन का जॉनर बहुत पसंद है। मैं उसे देखना भी बहुत पसंद करती हूं। मुश्किल इसलिए है कि जब तक ऑडियंस अभिनेत्रियों को एक्शन करते हुए देखना नहीं चाहेगी तब तक बनाना आसान नहीं होगा। यह सिर्फ फिल्ममेकर के बनाने की बात नहीं है। जिस दिन आडियंस अभिनेत्रियों को सुपरहीरो या सशक्त किरदारों में देखना चाहेगी तब सब सारे अवसर सबके लिए खुल जाएंगे।
अभी तो बदलाव आने की बात कही जा रही है…
बदलाव आएगा। आप देखेंगे जल्द ही।
कोई ऐसा शख्स कभी मिला जो पहले ग्रे लगा बाद में लगा कि उससे दोस्ती करना चाहिए?
(सोचते हुए) मेरा इंट्यूशन बहुत सही है। जब मैं किसी से मिलती हूं तो समझ आ जाता है कि मैं उसे पसंद करती हूं या नहीं।